*शब्द भी एक तरह का भोजन है।* *किस समय कौनसा शब्द परोसना है वो आ जाये तो दुनिया मे उससे बढ़िया रसोइया कोई नही है।* सुंदर सुविचार * प्रतिभा ईश्वर से मिलती है, * * नतमस्तक रहें..! * * ख्याति समाज से मिलती है, * * आभारी रहें..! * * लेकिन,,, * * मनोवृत्ति और घमंड * * स्वयं से मिलते हैं, * * सावधान रहें..!! * आज का आदमी मेहनत में कम और मुकद्दर में ज्यादा विश्वास रखता है। आज का आदमी सफल तो होना चाहता है मगर उसके लिए कुछ खोना नहीं चाहता है। वह भूल रहा है कि सफलताएँ किस्मत से नहीं मेहनत से मिला करती हैं। किसी की शानदार कोठी देखकर कई लोग कह उठते हैं कि काश अपनी किस्मत भी ऐसी होती लेकिन वे लोग तब यह भूल जाते हैं कि ये शानदार कोठी, शानदार गाड़ी उसे किस्मत ने ही नहीं दी अपितु इसके पीछे उसकी कड़ी मेहनत रही है। मुकद्दर के भरोसे रहने वालों को सिर्फ उतना मिलता है जितना मेहनत करने वाले छोड़ दिया करते हैं। किस्मत का भी अपना महत्व है। मेहनत करने के बाद किस्मत पर आश रखी जा सकती है मगर खाली किस्मत के भरोसे सफलता प्राप्त करने से बढ़कर कोई दूसरी नासमझी ...
*अच्छे के साथ अच्छे बनें,* *पर बुरे के साथ बुरे नहीं।* *....क्योंकि -* *हीरे से हीरा तो तराशा जा* *सकता है लेकिन कीचड़ से* *कीचड़ साफ नहीं किया* *जा सकता ।* *कोई मेरा बुरा करे वो कर्म उसका।* *मैं किसी का बुरा न करू यह धर्म मेरा।* *"इस फरेबी दुनिया में* *मुझे दुनियादारी नही आती"* *"झूठ को सच साबित करने की* *मुझे कलाकारी नही आती"* *"जिसमें सिर्फ मेरा हित हो* *मुझे वो समझदारी नही आती"* *"शायद मैं इसीलिए पीछे हूं* *मुझे होशियारी नही आती"* *"बेशक लोग ना समझे मेरी वफादारी* *मगर 'यारो मुझे गद्दारी नही आती"* ...
*छोटा-सा वाक्य है* *लेकिन अर्थ बहुत बड़ा है* *अमीर के जीवन में जो महत्व* *"सोने"" की ""चैन"" का होता है,* *गरीब के जीवन में वही महत्व* *"चैन"" से ""सोने"" का होता है ।* *समय गूंगा नहीं* *बस मौन है,* *वक्त पर बताता है* *किसका कौन है!* *ताक़त और पैसा ज़िन्दगी के फल हैं* *परिवार और मित्र जिन्दगी की जड़ हैं* सुपर सुविचार सुपर सुविचार *"घमंड की बीमारी* *'शराब' जैसी है साहब,* *खुद को छोड़कर सबको पता चलता है कि इसको चढ़ गयी है...!!"* *ज़िंदगी में कम से कम,* *एक दोस्त "काँच" जैसे और एक दोस्त "...
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