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Showing posts from January, 2016

पानी तेरे कितने नाम.- आकाश से गिरे तो........ बारिश, आकाश की ओर उठे तो............. भाप,

पानी तेरे कितने नाम.......... आकाश से गिरे तो........ बारिश, आकाश की ओर उठे तो............. भाप, अगर जम कर गिरे तो............... ओले, अगर गिर कर जमे तो.............. बर्फ, फूल पर हो तो............... ओस, फूल से निकले तो................ इत्र, जमा हो जाए तो............... झील, बहने लगे तो........................... नदी, सीमाओं में रहे तो.................. जीवन, सीमाएं तोड़ दे तो.................... प्रलय, आँख से निकले तो................ आँसू, शरीर से निकले तो................ पसीना, और श्री हरी के चरणों को छू कर निकले तो........... चरणामृत ( विश्व जल दिवस पर समर्पित )

एक ही दुश्मन से बार बार नहीं लड़ना चाहिए

नेपोलियन बोनापार्ट ने कहा था......आपको एक ही दुश्मन से बार बार नहीं लड़ना चाहिए, वरना आप अपने तमाम युद्ध कौशल उसे सिखा देंगे! पति पत्नी के संबंधो में भी यही होता है दोनों योद्धा एक दुसरे के वारो से इतना परिचित होते हैं कि............. युद्ध चलता रहता है ....हल कुछ नहीं निकलता !!!!! ___________________________________________ आज खुला दुश्मन के पीछे दुश्मन थे और वो लश्कर इस लश्कर की ओट में था ग़ुलाम हुसैन साजिदग़ज़ल देखिए अजब हरीफ़ था मेरे ही साथ डूब गया मिरे सफ़ीने को ग़र्क़ाब देखने के लिए इरफ़ान सिद्दीक़ीग़ज़ल देखिए 'अर्श' किस दोस्त को अपना समझूँ सब के सब दोस्त हैं दुश्मन की तरफ़  दोस्त अर्श मलसियानीग़ज़ल देखिए बहारों की नज़र में फूल और काँटे बराबर हैं मोहब्बत क्या करेंगे दोस्त दुश्मन देखने वाले  मोहब्बत, दोस्त, बहार कलीम आजिज़ दिन एक सितम एक सितम रात करो हो वो दोस्त हो दुश्मन को भी तुम मात करो हो  दोस्त कलीम आजिज़ग़ज़ल देखिए दोस्ती जब किसी से की जाए दुश्मनों की भी राय ली जाए  दोस्त, फ़ेमस, दोस्ती राहत इंदौरी दोस्ती की तुम ने दुश्मन से अजब तुम दोस्त हो मैं तुम्हारी दोस्ती में मेहरबाँ मारा गय