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क़ाबिल लोग न तो किसी को दबाते हैं और न ही किसी से दबते हैं।

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सुपर सुविचार 1. क़ाबिल लोग न तो किसी को दबाते हैं और न ही किसी से दबते हैं। 2. ज़माना भी अजीब हैं, नाकामयाब लोगो का मज़ाक उड़ाता हैं और कामयाब लोगो से जलता हैं। 3. कैसी विडंबना हैं ! कुछ लोग जीते-जी मर जाते हैं, और कुछ लोग मर कर भी अमर हो जाते हैं। 4. इज्जत किसी आदमी की नही जरूरत की होती हैं. जरूरत खत्म तो इज्जत खत्म। 5. सच्चा चाहने वाला आपसे प्रत्येक तरह की बात करेगा. आपसे हर मसले पर बात करेगा. लेकिन धोखा देने वाला सिर्फ प्यार भरी बात करेगा। 6. हर किसी को दिल में उतनी ही जगह दो जितनी वो देता हैं.. वरना या तो खुद रोओगे, या वो तुम्हें रूलाऐगा। 7. खुश रहो लेकिन कभी संतुष्ट मत रहो। 8. अगर जिंदगी में सफल होना हैं तो पैसों को हमेशा जेब में रखना, दिमाग में नही। 9. इंसान अपनी कमाई के हिसाब से नही, अपनी जरूरत के हिसाब से गरीब होता हैं।   10. जब तक तुम्हारें पास पैसा हैं, दुनिया पूछेगी भाई तू कैसा हैं।   11. हर मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ छिपा होता हैं ऐसी कोई भी मित्रता नही जिसके पीछे स्वार्थ न छिपा हो। 12. दुनिया में सबसे ज्यादा सपने तोड़े हैं इस बात ने, कि लोग क्या कहेंगे..  13. जब

दुनिया उन्ही की खैरियत पूछती है, जो पहले से खुश हो

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* दुनिया उन्ही की खैरियत पूछती है, जो पहले से खुश हो, * * जो तकलीफ में हैं, उन्के तो मोबाईल नंबर तक खो जाते हैं.. * मनुष्य को हमेशा मौका नही ढूंढना चाहिये, क्योंकि जो आज है वही सबसे अच्छा मौका है। प्रेम एक ऐसा अनुभव है जो मनुष्य को कभी हारने नही देता, और घृणा एक ऐसा अनुभव है जो इंसान को कभी जीतने नही देता। मनुष्य को हमेशा यह नही सोचना चाहिए की वो अपने जीवन में कितना खुश है, बल्कि यह सोचना चाहिये की उस मनुष्य की वजह से दूसरे कितने खुश हैं। जब तक हम किसी भी काम को करने की कोशिश नही करते हैं, जब तक हमे वो काम नामुमकिन ही लगता है। मनुष्य को अपने लक्ष्य में कामयाब होने के लिए खुद पर विश्वास होना बहुत ज़रूरी है। *इन्सान को कभी अपने वक़्त*   *पर घमन्ड नही करना चाहिए* *क्योंकि* *वक़्त तो उन नोटों का भी*          *नहीं हुआ*  *जो कभी पूरा बाजार खरीदने*    *की ताकत रखते थे*

मेरी निंदा से यदि किसी को संतोष होता है , तो....

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* जिदंगी का खुबसूरत * * लम्हा कौन सा होता है?? *         * Fantastic Answer : * * जब आपका परिवार आपको * * दोस्त समझने लगे * * और * * आपका दोस्त आपको * * "अपना परिवार" * *परीक्षा हमेशा अकेले में होती हैं..* *लेकिन उसका परिणाम सबके सामने होता है।* *इसलिए कोई भी कर्म करने से पहले* *परिणाम पर जरूर विचार करें ....* आँखों से अंधा होना यह तो भाग्य की बात है मगर विवेक से अंधा होना यह दुर्भाग्य की बात है ।* आंख के अंधे को जगत नजर नहीं आता मगर विवेक के अंधे को तीनों लोकों के नाथ नजर नहीं आते ।* आँख से अंधा होना दयनीय है मगर विवेक से अंधा होना सोचनीय है।* आँख ना हो तो केवल एक जन्म ख़राब होता है लेकिन विवेक के अभाव में तो जन्म-जन्मान्तर तक प्रभावित होते है । *पैसा लोगों की* *हैसियत* *बदल सकता है* *औकात* *नही..!!!*    आप अगर खुश रहना जानते हैं और लोगों से हंस कर मिलने की आदत रखते हैं, तो यह आपके व्यक्तित्व का बहुत बड़ा गुण है. इसकी बदौलत आप जीवन के हर छेत्र में लोगों के पसंदीदा हो सकते हैं....अगर आपमें यह गुण नहीं है, तो आप बेशक नापसंद किए जा सकते हैं । हर आदमी चाहता है कि एक खुश व्यक्ति के

छु ना सकूं "आसमान" ...तो ना सही ....हर एक के "दिलो" को छु जाऊ.. बस इतनी सी "तमन्ना" है !!!*

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*छु ना सकूं "आसमान" ....तो ना सही ....* *हर एक के "दिलो" को छु जाऊ..बस इतनी सी* *"तमन्ना" है !!!* *"खो" देते हैं..* *फिर...* *"खोजा" करते हैं,* *यही खेल हम जिन्दगी भर "खेला" करते है !!* *जीता रहा मै, अपनी धुन मे* *दुनिया का कायदा नही देखा...* *रिश्ता निभाया तो दिल से,* *कभी फायदा नही देखा।* *हैरान कर के मुझे, लोग खुश होते है।* *मैं खुश रहकर, लोगो को हैरान करता हूँ।* *थोड़ा सा और निखर जाऊं, यही मैंने ठानी है,* *ऐ जिंदगी, थोड़ा रुक, अभी मैंने हार कहाँ मानी है ?* *जिंदगी कैसी अजीब हो गई है* *खुश दिखना* *खुश होने से ज्यादा जरुरी हो गया है* *कागज की कश्ती में सवार है हम...* *फिर भी कल के लिये , परेशान है हम....* *कभी कभी रिश्तों की कीमत वो लोग समझा देते है* *जिनसे हमारा कोई रिश्ता ही नहीं होता है* *पहले जिंदगी में थोड़ी सी* *टेंशन थी,* *अब टेंशन में थोड़ी सी,* *जिंदगी रह गयी है.*   * जो सफर की शुरुआत करते हैं, * * वे मंजिल भी पा लेते हैं. * * बस, * * एक बार चलने का * * हौसला रखना जरुरी है. * * क्योंकि, * * अच्छे इंसानों का तो * * रास्त

कुछ लोग तो आपसे सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं, क्‍योंकि… बहुत सारे लोग आपसे प्‍यार करते है

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*अधिक दूर देखने* *की चाहत में...*             *बहुत कुछ पास से* *गुज़र जाता है. कुछ लोग तो आपसे सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं, क्‍योंकि… बहुत सारे लोग आपसे प्‍यार करते है “कठोर किंतु सत्य”   माचिस किसी दूसरी चीज को जलाने से पहले खुद को जलाती हैं..! *गुस्सा* भी एक माचिस की तरह है..! यह दुसरो को बरबाद करने से पहले खुद को बरबाद करता है…  शब्दों की ताकत को कम मत आंकिये… साहेब क्योकि छोटा सा “हाँ” और छोटा सा “ना” पूरी जिंदगी बदल देता है।  छोटी छोटी खुशियां ही तो जीने का सहारा बनती है ।। ख्वाहिशों का क्या वो तो पल-पल बदलती है। सबको गिला है, बहुत कम मिला है, जरा सोचिए… जितना आपको मिला है, उतना कितनों को मिला है  सुविचार हिंदी में  मनुष्य को हमेशा मौका नही ढूंढना चाहिये, क्योंकि जो आज है वही सबसे अच्छा मौका है। प्रेम एक ऐसा अनुभव है जो मनुष्य को कभी हारने नही देता, और घृणा एक ऐसा अनुभव है जो इंसान को कभी जीतने नही देता। मनुष्य को हमेशा यह नही सोचना चाहिए की वो अपने जीवन में कितना खुश है, बल्कि यह सोचना चाहिये की उस मनुष्य की वजह से दूसरे कितने खुश हैं। जब तक हम किसी भी काम को करने की कोशिश नही क

मतलब बहुत वज़नदार होता है, निकल जाने के बाद, हर रिश्ते को हल्का कर देता है.!

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*शब्द भी एक तरह का भोजन है।* *किस समय कौनसा शब्द परोसना है वो आ जाये तो दुनिया मे उससे बढ़िया रसोइया कोई नही है।* सुंदर सुविचार * प्रतिभा ईश्वर से मिलती है, * * नतमस्तक रहें..! * * ख्याति समाज से मिलती है, * * आभारी रहें..! * * लेकिन,,, * * मनोवृत्ति और घमंड *   * स्वयं से मिलते हैं, * * सावधान रहें..!! * आज का आदमी मेहनत में कम और मुकद्दर में ज्यादा विश्वास रखता है। आज का आदमी सफल तो होना चाहता है मगर उसके लिए कुछ खोना नहीं चाहता है। वह भूल रहा है कि सफलताएँ किस्मत से नहीं मेहनत से मिला करती हैं।      किसी की शानदार कोठी देखकर कई लोग कह उठते हैं कि काश अपनी किस्मत भी ऐसी होती लेकिन वे लोग तब यह भूल जाते हैं कि ये शानदार कोठी, शानदार गाड़ी उसे किस्मत ने ही नहीं दी अपितु इसके पीछे उसकी कड़ी मेहनत रही है। मुकद्दर के भरोसे रहने वालों को सिर्फ उतना मिलता है जितना मेहनत करने वाले छोड़ दिया करते हैं।       किस्मत का भी अपना महत्व है। मेहनत करने के बाद किस्मत पर आश रखी जा सकती है मगर खाली किस्मत के भरोसे सफलता प्राप्त करने से बढ़कर कोई दूसरी नासमझी नहीं हो सकती है।       दो अक्षर का होता है "

स्वामी विवेकानन्द का विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो में दिया गया भाषण

स्वामी विवेकानन्द का विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो में दिया गया भाषण Author : स्वामी विवेकानंद स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 को शिकागो (अमेरिका) में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में एक बेहद चर्चित भाषण दिया था। विवेकानंद का जब भी जि़क्र आता है उनके इस भाषण की चर्चा जरूर होती है। पढ़ें विवेकानंद का यह भाषण... अमेरिका के बहनो और भाइयो, आपके इस स्नेहपूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा हृदय अपार हर्ष से भर गया है। मैं आपको दुनिया की सबसे प्राचीन संत परंपरा की तरफ से धन्यवाद देता हूं। मैं आपको सभी धर्मों की जननी की तरफ से धन्यवाद देता हूं और सभी जाति, संप्रदाय के लाखों, करोड़ों हिन्दुओं की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूं। मेरा धन्यवाद कुछ उन वक्ताओं को भी जिन्होंने इस मंच से यह कहा कि दुनिया में सहनशीलता का विचार सुदूर पूरब के देशों से फैला है। मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं। मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश