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Showing posts from January, 2017

*अनमोल मोती अगर कचरे के भी गिर जाए तो भी उसकी चमक और कीमत कम नही होती है*

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*किसी अच्छे इंसान से अगर कोई कभी गलती हो जायें तो सहन कर लेनी चाहिए* *क्योकि अनमोल मोती अगर कचरे के भी गिर जाए तो भी उसकी चमक और कीमत कम नही होती है* ____________________________ बड़ी सीख आँख दुनिया की हर एक चीज देखती है, मगर जब आँख के अन्दर कुछ चला जाए तो उसे नहीं देख पाती.... *```बिल्कुल इसी तरह इंसान दूसरे के गलती तो देखता है पर अपनी गलती उसे नजर नही आती है।```* ____________________________ ____________________________ सुन्दर लाइन; मेरी गलतियां मुझसे कहो दूसरो से नहीं कियोंकि सुधार ना मुझे है उनको नहीं ____________________________               ___________________________ *अकेले हम बूँद हैं,*           *मिल जाएं तो सागर हैं।* *अकेले हम धागा हैं,*           *मिल जाएं तो चादर हैं।* *अकेले हम कागज हैं,*           *मिल जाए तो किताब हैं।* *अकेले हम अलफ़ाज़ हैं,*           *मिल जाए तो जवाब हैं।* *अकेले हम पत्थर हैं,*           *मिल जाएं तो इमारत हैं।* *अकेले हम दुआ हैं,*           *मिल जाएं तो इबादत हैं।* ___________________________          *नम्रता से बात करना*     *हर एक का आदर करना*      

देश भक्ति शायरी - तमाम शहीदों ने श्रधान्जली

देश भक्ति शायरी - तमाम शहीदों ने श्रधान्जली  देश भक्ति शायरी 1: शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा 2: अनेकता में एकता ही इस देश की शान है, इसीलिए मेरा भारत महान है 3: हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम भारतीय हैं – जय भारत, वन्दे मातरम 4: मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ। 5: जो देश के लिए शहीद हुए उनको मेरा सलाम है अपने खूं से जिस जमीं को सींचा उन बहादुरों को सलाम है.. 6: खून से खेलेंगे होली, अगर वतन मुश्किल में है सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,, 7: खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है… 8: जो अब तक ना खौला, वो खून नहीं पानी है, जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है 9: सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुलें हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा। परबत वो सबसे ऊँचा हमसाया आसम

*अभिमान तब आता है* *जब हमे लगता है हमने कुछ काम किया है,* *और* .. .. .. *सम्मान तब मिलता है .. .. ..* *जब दुनिया को लगता है,* *कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है ।।*

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घमंड से अपना *सर* ऊँचा न करे... जीतने वाले भी .... अपना *गोल्ड मैडल*... सिर झुका के हासिल करते है _________________________ आहिस्ता से पढना- पछतायेगा कौन ?  एक वाक्य भी दिल में बैठ गया तो कविता सार्थक हो जायेगी - मैं रूठा ,       तुम भी रूठ गए                       फिर मनाएगा कौन ? आज दरार है ,            कल खाई होगी                            फिर भरेगा कौन ? मैं चुप ,      तुम भी चुप           इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ? छोटी बात को लगा लोगे दिल से ,                  तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ? दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर ,                    सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ? न मैं राजी ,        न तुम राजी ,              फिर माफ़ करने का बड़प्पन                                        दिखाएगा कौन ? डूब जाएगा यादों में दिल कभी ,                         तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ? एक अहम् मेरे ,        एक तेरे भीतर भी ,                इस अहम् को फिर हराएगा कौन ? ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?               फिर इन लम्हों में अकेला                                      रह जाएगा कौन ? मूं