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Showing posts from August, 2017

*साधु किसे कहते हैं ? एक बार जरूर पढे*

*साधु किसे कहते हैं ?* *तरुण सागर जी महाराज*              *------* *    जिसके पैरों में जूता नहीं       सिर पर छाता नहीं       बैंक  में खाता नहीं       परिवार से नाता नहीं       *उसे कहते हैं  साधु ।* *     जिसके तन पे कपड़ा नहीं        वचन में लफड़ा नहीं        मन में झगड़ा नहीं        *उसे कहते हैं साधु ।* *      जिसका कोई घर नहीं         किसी बात का डर नहीं         दुनिया का असर नहीं         *उसे कहते हैं  साधु ।* *      जिसके पास बीवी नहीं         साथ टीवी नहीं         अमीरी-ग़रीबी नहीं         नाश्ते में जलेबी नहीं         *उसे कहते हैं साधु ।* *       जो कच्चा पानी छूता नहीं          बिस्तर पर सोता नहीं          होटल में खाता नहीं          *उसे कहते हैं साधु ।* *        जिसे नाई की ज़रूरत नहीं           जिसे तेली की ज़रूरत नहीं           जिसे सुनार  की ज़रूरत नहीं           जिसे लुहार  की ज़रूरत नहीं           जिसे दर्ज़ी  की ज़रूरत नहीं           जिसे व्यापार  की ज़रूरत नहीं           जिसे  धोबी की ज़रूरत नहीं           फिर भी सबको है धोता           *उसे कहते है  साधु ।* *साधु क

पूरी *जिंदगी* हम इसी बात में गुजार देते हैं कि .."चार लोग क्या कहेंगे", और अंत में चार लोग बस यही कहते हैं कि *"राम नाम सत्य है"*

         *अंधे को मंदिर आया देखकर*               *लोग हंसकर बोले की,*        *मंदिर में दर्शन के लिए आये तो हो*       *पर क्या भगवान् को देख पाओगे ?*            *अंधे ने मुस्कुरा के कहा की,*        *क्या फर्क पड़ता है, मेरा भगवान्*                   *तो मुझे देख लेगा.*   *द्रष्टि नहीं द्रष्टिकोण सही होना चाहिए !!* ______________________ *इंसानियत इन्सान को*      *इंसान बना देती है ,* *लगन हर मुश्किल को*       *आसान बना देती है ।* *लोग यूँ ही नहीं  जाते*        *मंदिरों में पूजा करने* *आस्था ही तो पत्थर को*         *भगवान बना देती है ।* ______________________ *"कठोर किंतु सत्य"* *1-* माचिस किसी दूसरी चीज को जलाने से पहले खुद को जलाती हैं..! *गुस्सा* भी एक माचिस की तरह है..! यह दुसरो को बरबाद करने से पहले खुद को बरबाद करता है... *2-* आज का कठोर व कङवा सत्य !! चार *रिश्तेदार* एक दिशा में तब ही चलते हैं , जब पांचवा कंधे पर हो... *3-* कीचड़ में पैर फंस जाये तो नल के पास जाना चाहिए मगर, नल को देखकर कीचड़ में नही जाना चाहिए, इसी प्रकार... जिन्दगी में *बुरा समय* आ जाये तो... पैसों का

दिल से सोचना हमने जीवन मे क्या बाँटा और क्या इकट्ठा किया

एक बार एक संत ने अपने दो      भक्तों को बुलाया और कहा आप      को यहाँ से पचास कोस जाना है। एक भक्त को एक बोरी खाने के      समान से भर कर दी और कहा जो      लायक मिले उसे देते जाना और एक को ख़ाली बोरी दी उससे       कहा रास्ते मे जो उसे अच्छा मिले       उसे बोरी मे भर कर ले जाए। दोनो निकल पड़े जिसके कंधे पर      समान था वो धीरे चल पा रहा था ख़ाली बोरी वाला भक्त आराम से       जा रहा था थोड़ी दूर उसको एक सोने की ईंट      मिली उसने उसे बोरी मे डाल      लिया थोड़ी दूर चला फिर ईंट मिली उसे      भी उठा लिया जैसे जैसे चलता गया उसे सोना      मिलता गया और वो बोरी मे भरता      हुआ चल रहा था और बोरी का वज़न। बड़ता गया       उसका चलना मुश्किल होता गया      और साँस भी चढ़ने लग गई एक एक क़दम मुश्किल होता      गया । दूसरा भक्त जैसे जैसे चलता गया      रास्ते मै जो भी मिलता उसको      बोरी मे से खाने का कुछ समान      देता गया धीरे धीरे बोरी का वज़न      कम होता गया और उसका चलना आसान होता      गया। जो बाँटता गया उसका मंज़िल      तक पहुँचना आसान होता गया जो ईकठा करता रहा वो रास्ते मे      ही दम तोड़ गया दिल

*अगर इंसान भी नरम हो जाये तो लोगो की दिलों मे अपनी जगह बना लेता है !*

शख्सियत अच्छी होगी ! तभी दुश्मन बनेगे , वरना बुरे की तरफ , देखता ही कौन हैं !! पत्थर भी उसी पेड़ पर फेंके जाते हैं, जो फलों से लदा होता है , देखा है किसी को सूखे पेड पर पत्थर फेंकते हुए. _______________________ *पहाड चढने वाला व्यक्ती झुककर चलता है और ऊतरने वाला कडक चलता है |* *कोई अगर इंसान झुककर चल रहा है मतलब ऊँचाई पर जा रहा है इंसान अकड कर चल रहा है, मतलब नीचे जा रहा है  _______________________ |रिश्ते और बर्फ के गोले  एक समान ही होते हैं... जिसे बनाना तो आसान होता है लेकिन बनाए रखना बहुत मुश्किल होता हैं दोनो को बचाए रखने का बस एक ही तरीका है... ...शीतलता बनाए  रखिऐ . _______________________ लोहा नरम होकर औजार बन जाता है, सोना नरम होकर जेवर बन जाता है ! मिट्टी नरम होकर खेत बन जाती है,  आटा नरम होता है तो रोटी बन जाती है ! ठीक इसी तरह अगर इंसान भी नरम हो जाये तो लोगो की दिलों मे अपनी जगह बना लेता है ! सदैव बेहतर की उम्मीद करे !  _______________________ किसी के सरल स्वभाव को  कमज़ोरी न समझो, संसार में पानी से अधिक सरल कुछ भी नहीं, मगर उसका तेज़ बहाव बड़ी से बड़ी चट्टान को चूर चूर कर डालत

आदतें सुधार लिया जाए तो स्वभाव अपने आप सुधर जाएगा.

एक कहावत है कि आदतें आपका स्वभाव बनाती हैं। सुधार लिया जाए तो स्वभाव अपने आप सुधर जाएगा। जैसे कि आपको आइसक्रीम, मिठाई, शराब, चाट-पकौड़ी खाना, पिक्चर देखना इनमें से या अन्य कोई आदत है तो जब भी जहां भी मौका मिलेगा आपका झुकाव तुरन्त उस तरफ जाएगा और आदत पूजा पाठ करने, मंदिर मस्जिद जाने, नमाज पढऩे, इबादत करने की बनी हुई है। बड़़ों को इज्जत देने, उनसे अच्छा व्यवहार करने की आदत है तो आपका स्वभाव हमेशा आपको प्रेरित करेगा। आदत बात-बात में अपशब्दों को बोलने की है तो मौका, परिस्थिति देखें बगैर आपके मुख से अनचाहे अपशब्द निकल ही जाएंगे। इसलिए बुजुर्ग कहते हैं कि हमें अच्छी आदतें डालनी चाहिए वे हमारा स्वभाव बन जाएंगी। छोटे बच्चे को माता पहले किसी भी काम या व्यवहार की आदत डालती है। धीरे-धीरे वह आदत उसमें इतनी रच बस जाती है कि वह स्वभाव बन जाती है। बच्चे को बार-बार याद नहीं दिलाना पड़ता कि यह करो, यह मत करो। वह स्वभाव वश वही करेगा जो उसे करना चाहिए। नेताओं की आदत होती है आश्वासन देने की तो हर मौके पर आश्वासन ही देते रहते हैं कभी बेमौके भी। जैसे कि एक नेता को उद्घाटन की फीता काटने की आदत सी थी। एक बार

*वह शब्द सही मायने मे परिवार है !!!*

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जन्मदिन क्या है..?? . . ये सवाल BBC World के एक प्रोग्राम में विश्व के तमाम बड़े VVIP की उपस्थिति में पूछा गया था.. . जिसका सबसे सुंदर जवाब डॉ अब्दुल कलाम जी ने दिया था. . उन्होंने कहा था कि... *जन्म दिन आपकी जिंदगी का एक मात्र वो दिन होता है जिस दिन आपके रोने की आवाज पर आपकी मां मुस्कराई थी* . . उसके बाद फिर ऐसा दिन कभी नहीं आता कि औलाद के रोने पर मां मुस्कराये. _______________________ *एक रात मैं अपने कमरे में सो रहा था के अचानक मेरी आँख खुल गई ।सामने यमदूत को खड़ा देखा। मैंने पुछा यहाँ कैसे ?यमदूत ने कहा कि मैं तेरी माँ को लेने आया हुँ । मैं घबरा गया,दिल बैठ गया, आँखें नम हो गई । मैंने यमदूत से कहा, एक सौदा करते है, तुम माँ की जिदंगी बक्क्ष दो और मुझे ले चलो । यमदूत ने मुस्कुरा कर कहा मै लेने तो तुझे ही आया था पर तुझ से पहले ये सौदा तेरी माँ ने कर लिया* _____________________________ धरती  पर  प्यार  से  तीन  शब्दों    की  रचना  हुयी  है ....... 1.   Boyfriend 2.   Girlfriend 3.   Family किन्तु  एक  बात  ध्यान  देने             वाली  है  कि ..... Boyfriend   और Girlfriend    इन  दो  श

*किन किन रिश्तों में पुरुष का नाम पहले आता है*

किन किन रिश्तों में पुरुष का नाम पहले आता है दादा.दादी नाना.नानी मामा.मामी काका .काकी भइया.भाभी पती.पत्नी लेकिन सिर्फ एक रिश्ता है ऐसा है जिसमे पुरुष बाद में आता हैऔर वो है माँ बाप का माँ-बाप साक्षात भगवान का रूप होते है , क्योंकि भगवान के ही नामों मे पहले स्त्री का नाम आता है , जैसे.... गौरी शंकर , लक्ष्मी नारायण ,सीता राम ,राधे कृष्ण... अगर सन्देश अच्छा लगे तो अपने परिचितों के साथ भी शेयर करे

मा विशे सुवाक्यो.

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*जिंदगी में आप बेफिक्र होकर क्यों नहीं रहते जबकि आप जानते हैं कि जिंदगी चलाने वाला भगवान*

आप हवाई जहाज में बेफिक्र होके बैठते हैं जबकि आप पायलट को जानते तक नहीं  आप जहाज में बेफिक्र हो कर बैठते है जबकि आप केप्टन को जानते तक नहीँ  आप बस में भी बेफिक्र होकर सवारी करते हैं जबकि बस ड्राइवर को आप पहचानते तक नहीं ट्रेन में भी आप बेफिक्र होकर यात्रा करते हैं जबकि मोटरमैन को आप जानते तक नहीं फिर जिंदगी में आप बेफिक्र होकर क्यों नहीं रहते जबकि आप जानते हैं कि जिंदगी  चलाने वाला भगवान हैं  ____________________________ आज मंदिर में बहुत भीड़ थी, एक  *विदेशी लड़की दर्शन* के लिए लगी लम्बी लाइन को अचरज से देख रही थी, *तभी एक पंडित जी आये और बोले :~* बहुत लम्बी कतार है, ऎसे दर्शन नही हो पाएंगे, *501* रू. मे *VIP* पास ले लो, जल्दी दर्शन करवा दूंगा ! *विदेशी *लड़की बोली :~* मै 5100 दूंगी, भगवान से कहो बाहर आकर मिल लें ! *पंडित जी बोले :~* मजाक करती हो, भगवान भी कभी मंदिर से बाहर आते हैं क्या ? *विदेशी लड़की फिर बोली :~* मै 51000 दूंगी, उनसे कहो, मुझ से मेरे घर पर आकर मिल लें ! *पंडितजी:~* (गुस्से मे) : तुमने भगवान को समझ क्या रखा रखा है ! *विदेशी लड़की :~ वही तो मै भी पूछना चाहती हूं, आपने

कीमती मोतियों की माला जितनी बार भी टूटे उसे पिरोना ही पड़ता है।। एक सच्चा दोस्त अगर सौ भी बार रूठे तो उसे मना लो।

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एक  सच्चा  दोस्त  अगर  सौ  भी बार  रूठे  तो उसे  मना  लो क्योंकि,, . . . . कीमती  मोतियों  की  माला  जितनी  बार  भी  टूटे उसे  पिरोना  ही पड़ता  है।। ____________________________ *दोस्ती* शब्द का अर्थ बड़ा ही मस्त होता है .., ( दो+हस्ती ) जब दो हस्ती मिलती हैं ..,                   तब दोस्ती होती है ... ... *समुंदर* _ _ ना हो तो _ _*कश्ती* _ _ किस काम कीं ..._                                        *मजाक*_ _ना हो , तो _ _ *मस्ती* _ _ किस काम की ... _                             *दोस्तों* _ _ के लिए तो कुर्बान है , ये _ _ *जिंदगी...* _                           अगर _ _ *दोस्त* _ _ ही ना हो , तो फिर ये _ _ *जिंदगी* _ _ किस काम कीं ... चंद लाइने दोस्तों के नाम :-* "क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं "दोस्त"                      "क्यूँ गम को बाँट लेते हैं "दोस्त" "न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है !        "फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं "दोस्त " ____________________________ परिवार और दोस्त साथ है तो, हर ऋतु "बसन्त"है, ना हो तो &qu

मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकदर की बात है! दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो.

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मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकदर की बात है! हम कोशिश भी ना करे ये तो गलत बात है... जिन्दगी जख्मो से भरी है, वक्त को मरहम बनाना सीख लो, हारना तो है एक दिन मौत से, फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो. _________________________________ दोस्त शब्दका अर्थ बड़ा ही मस्त होता है..!! "दोष" का जो "अस्त" करदे वही दोस्त होता है.!! _________________________________ मित्रता ऐटले शु ? "इश्वर जेमने लोही ना संबंध थी जोडवानु भुली गया होय, ऐवा वयक्ती ने इश्वर  मित्रो बनावी ने भूल सुधारी लेता होय छे।।" _________________________________ सारुं  गीत  होय  तो , 5- मिनिट  आनंद  मां  जाय ,       सारी  फिल्म  होय तो , 3- कलाक  आनंद  मां  जाय ,      सारी  कोलेज  होय  तो , 3- वर्ष  आनंद  मां  जाय, ……………परंतू……………      तमारा  जेवा  मित्रों  नों संगाथ  होय  तो  आखी      ज़िंदगी  आनंद  मां जाय ""''''''!!!!!!!! _________________________________ जिंदगी का खूबसूरत लम्हा कौनसा होता है...? जब आपका परिवार आपको दोस्त समझने लगे, और आपके दोस्त आपको अपना परिवार.

रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों दरअसल छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं..!!

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रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों दरअसल छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं..!! मैं भूला नहीं हूँ किसी को... मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में .. बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है.... अच्छा भविष्य बनाने में।. . .

जो लड़किया कम कपड़े पहनती है, उनके लिये एक पिता की ओर से समर्पित.

जो लड़किया कम कपड़े पहनती है, उनके लिये एक पिता की ओर से समर्पित :- एक लड़की को उसके पिता ने iphone गिफ्ट किया.. दूसरे दिन पिता ने लड़की से पुछा, बेटी iphone मिलने के बाद सबसे पहले तुमने क्या किया? लड़की :- मैंने स्क्रेच गार्ड और कवर का आर्डर दिया... पिता :- तुम्हें ऐसा करने के लिये किसी ने बाध्य किया क्या? लड़की :- नहीं किसी ने नहीं। पिता :- तुम्हें ऐसा नही लगता कि तुमने iPhone निर्माता की बेइज्जती की हैं? बेटी :- नहीं बल्कि निर्माता ने स्वयं कवर व स्क्रेच गार्ड लगाने के लिये सलाह दी है... पिता :- अच्छा तब तो iphone खुद ही दिखने मे खराब दिखता होगा, तभी तुमने उसके लिये कवर मंगवाया है? लड़की :- नहीं, बल्कि वो खराब ना हो इसीलिये कवर मंगवाया है.. पिता :- कवर लगाने से उसकी सुन्दरता में कमी आई क्या? लड़की :- नहीं, इसके विपरीत कवर लगाने के बाद iPhone ज्यादा सुन्दर दिखता है.. पिता ने बेटी की ओर स्नेह से देखते कहा.... बेटी iPhone से भी ज्यादा कीमती और सुन्दर तुम्हारा शरीर है और इस घर की और हमारी इज्जत हो तुम, उसके अंगों को कपड़ों से कवर करने पर उसकी सुन्दरता और निखरेगी... बेटी के पास पिता की इस

कल जो वो नासमज बहेन की पढाई के खिलाफ था, आज बीवी के इलाज के लिए लेडी डोक्टर ढूढता है..!

मेरी बाकी उंगलियां उस उंगली से जलती है, जिस उंगली को पकड़कर, मेरी बेटी चलती है...!!! ________________________ "कल जो वो नासमज बहेन की पढाई के खिलाफ था, आज बीवी के इलाज के लिए लेडी डोक्टर ढूढता है..!                                            "'बेटी बचाओ, बेटी पढाओ..!' ________________________ बेहतरीन शब्द..... "जब मैंने जन्म लिया,वहां "एक नारी" थी जिसने मुझे थाम लिया......                               || मेरी माँ || बचपन में जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया "एक नारी" वहां मेरा ध्यान रखने और मेरे साथ खेलने के लिए मौजूद थी.....                   || मेरी बहन || जब मैं स्कूल गया "एक नारी" ने मुझे पढ़ने और सिखने में मदद की......                 || मेरी शिक्षिका || जब भी मै जीवन से निराश और हताश हुआ और जब भी हारा तब "एक नारी" ने मुझे संभाला ...               || मेरी महिला मित्र || जब मुझे सहयोग,साथी और प्रेम की आवश्यकता हुई तब "एक नारी" हमेशा मेरे साथ थी.....               || मेरी पत्नी || जब भी मैं जीवन में कठोर हुआ तब "

शौचालयों स्वच्छता के नारे - ये शौचालयों के नारें है जो बिलकुल नये है- सभी को एकबार जरुर सुनाओ ।।

शौचालयों स्वच्छता के नारे - ये शौचालयों के  नारें   है जो बिलकुल नये है- सभी को एकबार जरुर सुनाओ ।। ××××××××××××××××××××××    घर मै फ्रिज है घर मै टी बी   शौच को बाहर जाती बीबी ××××××××××××××××××××××× सौ बीघा है घर मै खेती बाहर शौच को जाती बेटी ×××××××××××××××××××    घर बनवाया कितना सुंदर शौचालय ना घर के अंदर ××××××××××××××××××    लाखों के पहनें है गहने बाहर शौच को जाती बहने ×××××××××××××××××××    घर मै बहू करे मर्यादा बाहर बदन दिखाये आधा ××××××××××××××××××× शौचालय है शान हमारी छू मंतर होती बीमारी ××××××××××××××××××× गांव गांव की हालत ऐसी बीच सडक पर बेटी बैठी ×××××××××××××××××××× गाॅव मै जब होता अँधियारा महिला देखे सडक किनारा ××××××××××××××××××××× शौचालय बन वालो भईया शासन दे रही खूब रुपैया ××××××××××××××××××× बाहर नही शौच को जाना शौचालय अपना बनवाना ××××××××××××××××××× बाहर शौच काम है गंदा बंद करो ये मिलकर धंदा ××××××××××××××××××××× करते काम सभी ये खोटा जाव ना बाहर लेकर लोटा ×××××××××××××××× अपनी इज्जत आप बचाओ नही शौच को बाहर जाओ ××××××××××××××××× बाहर शौच है सोच पुरानी बदल के लिखे दो न