*"मां-बाप" की तारीफ़ करूँ कैसे,* *मेरे शब्दों मेँ इतना ज़ोर नहीं,*
*प्रकृति का कालचक्र नियम देखिए* *1~ बचपन:- समय है, शक्ति है,* *लेकिन पैसा नहीं है ..* *2~ युवावस्था:- शक्ति है, पैसा है,* *लेकिन समय नहीं है ..* *3~ बुढ़ापा:- पैसा है, समय है,* *लेकिन शक्ति नहीं है .*. *प्रकृति का कोई जबाब नहीं* *इसलिए प्रतिदिन हर्ष ..* *उल्लास .. और खुशी* *में जीवन बिताएं।* सुपर सुविचार सुपर सुविचार *"मां-बाप" की तारीफ़ करूँ कैसे,* *मेरे शब्दों मेँ इतना ज़ोर नहीं,* *सारी दुनिया में जाकर ढूँढ लेना,* *अपने "मां-बाप" जैसा कोई और नहीं!!* *ह्र्दय से "मां-बाप" कि सेवा करो* *आवाज़ भगवान तक जाएगी,* *भगवान ने जो सुन ली उनकी,* *तो हर बिगड़ी बन जाएगी!!* *हमारी उपलब्धियों में,* *दूसरों का भी योगदान होता है,* *क्योंकि* *समन्दर में भले ही पानी अपार है,* *परन्तु* *सच तो यही है कि वो,* *नदियों का उधार है ।*