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Showing posts from June, 2018

मैं रूठा , तुम भी रूठ गए , फिर मनाएगा कौन ?

मैं रूठा ,       तुम भी रूठ गए                       फिर मनाएगा कौन ? आज दरार है ,            कल खाई होगी                             फिर भरेगा कौन ? मैं चुप ,      तुम भी चुप            इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ? बात छोटी को लगा लोगे दिल से ,                   तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ? दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर ,                     सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ? न मैं राजी ,        न तुम राजी ,               फिर माफ़ करने का बड़प्पन                                        दिखाएगा कौन ? डूब जाएगा यादों में दिल कभी ,                          तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ? एक अहम् मेरे ,        एक तेरे भीतर भी ,                 इस अहम् को फिर हराएगा कौन ? ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?               फिर इन लम्हों में अकेला                                      रह जाएगा कौन ? मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन            एक ने आँखें....                 तो कल इस बात पर फिर                                       पछतायेगा कौन ?

*21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सामान्य योग अभ्यासक्रम*

*21 जून   अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सामान्य योग अभ्यासक्रम*                *प्रथम चरण* A) प्रार्थना --- ॐसंगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसीजानताम् ! देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते !!  2 मिनट                 *दूसरा चरण* B) शिथिलीकरण अभ्यास/चालन क्रियाएं 1] ग्रीवा चालन खडे होकर सिर को धीरे धीरे आगे और पिछें करना प्राणायाम युक्त  1मिनट. 2]ग्रीवा चालन दाई एवं बाई ओर गर्दन झुकाना है .1मिनट. 3] ग्रीवा चालन दाएं एवं बाएं ओर गर्दन घुमाना है. 1मिनट. 4] ग्रीवा चालन गर्दन को पुरा गोलाकार घुमाना है. 1मिनट. 5] स्कंध संचालन दोनों बगल से हातों को ऊपर उठाएं और निचें लें जाएं .1मिनट. 6]स्कंध चक्र एवंम स्कंध चालन दोनों कोहनियों को पुरी तरह चक्राकार घुमाएं .1मिनट. 7] कटि चालन / कटिशक्ति विकासक कटिचक्रासन का तिसरा अभ्यास  है.1मिनट . 8]घुटना संचालन / खुर्चिसन के जैसा करना है. 1मिनट .                 *तीसरा चरण* C) खडे होकर किए जाने वाले आसन . 1] ताडासन ( उर्धव ताडासन स्थिति) 2मिनट. 2] वृक्षासन ( वृक्ष की स्थिति) 2मिनट . 3] पादहस्तासन 2 मिनट. 4] अर्धचक्रासन हाँत कमरपें. 2 मिनट. 5] त्रिकोणासन.कोनासन जैसां.

एक बार समय निकालकर सोचें, शायद पुराना समय याद आ जाए, आंखें भर आएं और *आज को जी भर जीने का मकसद मिल जाए*।

*कुछ रह तो नहीं गया ?* 3 महीने के बच्चे को दाई के पास रखकर जॉब पर जाने वाली माँ को दाई ने पूछा... "कुछ रह तो नहीं गया...? पर्स, चाबी सब ले लिया ना...?" अब वो कैसे हाँ कहे..? पैसे के पीछे भागते भागते... सब कुछ पाने की ख्वाईश में वो जिसके लिये सब कुछ कर रही है, *वह ही रह गया है..* शादी में दुल्हन को बिदा करते ही शादी का हॉल खाली करते हुए दुल्हन की बुआ ने पूछा... "भैया, कुछ रह तो नहीं गया ना..? चेक करो ठीक से ।" .. बाप चेक करने गया तो दुल्हन के रूम में कुछ फूल सूखे पड़े थे। सब कुछ तो पीछे रह गया... 25 साल जो नाम लेकर जिसको आवाज देता था लाड़ से... वो नाम पीछे रह गया और उस नाम के आगे गर्व से जो नाम लगाता था, वो नाम भी पीछे रह गया अब... "भैया, देखा ? कुछ पीछे तो नहीं रह गया ?" बुआ के इस सवाल पर आँखों में आये आंसू छुपाते बाप जुबाँ से तो नहीं बोला.... पर दिल में एक ही आवाज थी... *सब कुछ तो यही रह गया...* बडी तमन्नाओं के साथ बेटे को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा था और वह पढ़कर वहीं सैटल हो गया.... पौत्र जन्म पर बमुश्किल 3 माह का वीजा मिला था और चलते वक्त बेटे ने प्रश्न कि