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Showing posts from February, 2016

आवती काले ता. 28 फेब्रुआरी, 2016ना दिवसे योजानार रेवन्युं तलाटी परीक्षा आपवा जता तमाम विद्यार्थीओने शुभकामनाएँ।

आवती काले योजानार परीक्षा आपवा जता तमाम विद्यार्थीओने शुभकामनाएँ। __________________________________________ परीक्षार्थियों माटे अगत्यनी सूचना: __________________________________________  परीक्षा माटेनो कोल लेटरनी 2 कोपी अचूक प्रिन्ट करी लेवी (कोल लेटर प्रिन्ट करवा लिंक क्लिक करो:  __________________________________________  कोल लेटर डाउनलोड कर्या बाद तेना पर पासपोर्ट साइझनो फोटो चोंटाडवो अनिवार्य छे. __________________________________________  विद्यार्थीओ पासे कोल लेटर सिवाय एक ओळख पुरावो (ID proof) होवु जरुरी छे. __________________________________________ परीक्षामा जता पहेला पोतानी पासे 2 बोलपेन (ब्लू अथवा ब्लेक) जरुर राखवी. __________________________________________  परीक्षा खंडमां मोबाईल फोन लइ जवो नही. __________________________________________  परीक्षा आपवा माटेना समय थी 1 कलाक पहेला ज परीक्षा केन्द्र पर पहोंची जवु जेथी वर्ग खंड शोधवामां समय न बगडे. __________________________________________  उत्तरवही आपवामां आवे त्यारे उत्तरवहीने सारी रीते चेक करी लेवी, टूटेली अथवा नुकशान थयेली

समाज को जोड़ नहीं पायोगे

जिस तरह सिलाई मशीन में धागा नहीं डालने पर वो चलती तो है पर कुछ सिलती नहीं... इसी तरह समाज  में कायँ नहीं करोगे तो समाज चलेगा  ज़रूर पर समाज को जोड़ नहीं पायोगे _______________________ एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा  8 रोने लगा... पूछा मुझे क्यों मारा..? 9 बोला... मैं बड़ा हु इसीलए मारा.. सुनते ही 8 ने 7 को मारा और 9 वाली बात दोहरा दी 7 ने 6 को.. 6 ने 5 को.. 5 ने 4 को.. 4 ने 3 को.. 3 ने 2 को.. 2 ने 1 को.. अब 1 किसको मारे 1 के निचे तो 0 था ! 1 ने उसे मारा नहीं बल्कि प्यार से उठाया और उसे अपनी बगल में बैठा लिया जैसे ही बैठाया... उसकी ताक़त 10 हो गयी..!और 9 की हालत खराब हो गई. जिन्दगीं में किसी का साथ ही काफी हैं, कंधे  पर  किसी का  हाथ ही काफी हैं, दूर हो या पास...क्या फर्क पड़ता हैं,       "अनमोल रिश्तों का तो बस "एहसास" ही काफी है । 

यहाँ तो लोग नफरत भी करते हैँ मोहब्बत की तरह।

समझ मेँ नहीँ आता किसपे भरोसा करेँ यहाँ तो लोग नफरत भी करते हैँ मोहब्बत की तरह  ।। __________________________________ नफरत एक बहुत बड़ा रोग है इसलिए दुआ है, जो भी मुझसे नफरत करते है वो जल्द ही ठीक हो जाये __________________________________ उनकी नफरत पर भी लुटा हमने जिंदगी सोचो अगर वो मोहब्बत करते तो हम क्या करते… ********************** हम से प्यार करो या नफरत वो तुम्हारे इरादे की बात है… प्यार करोंगे तो दिल में रहोगे लेकिन नफरत करोंगे तो दिमाग में.. ********************** खुदा सलामत रखे उनको जो हमसे नफरत करते है प्यार ना सही नफरत ही सही कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे ही करते है… ********************** नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है वो लोग रुलाना नहीं छोड़ते और हम हंसाना नहीं छोड़ते एक नफरत ही तो है जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती है, वर्ना मोहब्बत का यकीन दिलाने में तो जिंदगी बित जाती है…. ********************** अगर कोई हमें बेपनाह मोहब्बत कर सकता है तो नफरत भी उतनी ही कर सकता है, क्योंकि…. एक खुबसुरत शीशा जब कभी भी तुटता है तो वह एक खतरनाक हथियार बन जाता है…

सम्मान आप का नहीं,आप के स्थान और स्थिति का करते हैं।

सांप घर पर दिखाई दे तो लोग डंडों से मारते हैं, और शिव लिंग पर दिखाई दे तो दूध पिलाते हैं... लोग सम्मान आप का नहीं, आप के स्थान और स्थिति का करते हैं। __________________________ "प्रतिभा सम्मान की मोहताज नहीँ होती क्योकि हीरा यदि कीचड़ मेँ भी पड़ा हो तो वो हीरा ही कहलाएगा " __________________________ दोस्तों, हम में से हर एक जीवन में सफल होना चाहता है | वैसे तो सफ़लता की कोई निश्चित परिभाषा नहीं होती , पर आम तौर पर अपने जीवन में निर्धारित किये गए लक्ष्यों की  प्राप्ति ही सफ़लता कहलाती है | व्यावहारिक दृष्टि से देखा जाये तो पारिवारिक जीवन में शांति, रहने के लिए एक अच्छा घर, चलाने के लिए एक बढ़िया सी कार, परिवार के साथ व्यतीत करने के लिए पर्याप्त समय और खर्च करने के लिए पर्याप्त धन होने को ही सफ़लता समझा जाता है | शायद हम में से हर एक की यह इच्छा होती है | ज्यादातर लोगों की यह समस्या होती है की सफल होने के लिए कौन सा रास्ता अपनाया जाये | क्या कोई अच्छी सी नौकरी करके सफल बना जाये या फिर कोई व्यापार किया जाये | ज़रूरी नहीं है की अगर एक रास्ते पर चलकर कोई व्यक्ति सफ़ल हुआ है तो दूसरा भी उस

मंजिल पाने के लिए, किसी रथ की जरूरत नहीं होती। सत्य को कहने के लिए, किसी शपथ की जरूरत नहीं होती।

सत्य को कहने के लिए, किसी शपथ की जरूरत नहीं होती।             नदियों को बहने के लिए, किसी पथ की जरूरत नहीं होती।                  जो बढ़ते हैं जमाने में,     अपने मजबूत इरादों पर, उन्हें अपनी मंजिल पाने के लिए,       किसी रथ की जरूरत नहीं होती। ___________________________ ज्यादातर लोगों का ये स्वभाव होता है, कि लोगो में विशेषता से पहले कमजोरी नजर आती है, अतः हमें एक बात गाँठ बाँध लेनी चाहिए, कि हम तभी लोगों को उनकी बुराई दिखाऐंगे, जब हम खुद समस्त बुराईयों से निर्लिप्त हो जायें !! एक मेढक पेड़ की चोटी पर चढ़ने का सोचता है और आगे बढ़ता है बाकी के सारे मेंढक शोर मचाने लगते हैं "ये असंभव है.. आज तक कोई नहीं चढ़ा.. ये असंभव है.. नहीं चढ़ पाओगे" मगर मेंढक आख़िर पेड़ की चोटी पर पहुँच ही जाता है.. जानते हैं क्यूँ? क्योंकि वो मेंढक "बहरा" होता है.. और सारे मेंढकों को चिल्लाते देख सोचता है कि सारे उसका उत्साह बढ़ा रहे हैं इसलिए अगर आपको अपने लक्ष्य पर पहुंचना है तो नकारात्मक लोगों के प्रति "बहरे" हो जाइऐ. ___________________________ हो सकता है हर दिन अच्छा ना हो , लेकिन हर

जो करते रहे इंतज़ार उनकी जिंदगी में आज भी झमेले है.

....जीत पक्की है.... कुछ करना है, तो डटकर चल,            थोड़ा दुनियां से हटकर चल, लीक पर तो सभी चल लेते है,           कभी इतिहास को पलटकर चल, बिना काम के मुकाम कैसा ?           बिना मेहनत के, दाम कैसा ? जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल           तो राह में, राही आराम कैसा ? अर्जुन सा, निशाना रख, मन में,           ना कोई बहाना रख ! लक्ष्य सामने है,  बस उसी पे अपना ठिकाना रख !!           सोच मत, साकार कर, अपने कर्मो से प्यार कर !           मिलेगा तेरी मेहनत का फल, किसी ओर का ना इंतज़ार कर !!            जो चले थे अकेले उनके पीछे आज मेले है ...             जो करते रहे इंतज़ार उनकी जिंदगी में आज भी झमेले है...      

किस्मत की रोटी तो कुत्तेको भी नसीब होती है.!

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जीत हासिल करनी हो तो काबिलियत बढाओ, किस्मत की रोटी तो कुत्तेको भी नसीब होती है.! ___________________________ "Impossible"   को गौर  से  देखो वो खुद कहता है ""I  m  Possible"" ___________________________ सत्य को कहने के लिए, किसी शपथ की जरूरत नहीं होती।             नदियों को बहने के लिए, किसी पथ की जरूरत नहीं होती।                  जो बढ़ते हैं जमाने में,     अपने मजबूत इरादों पर, उन्हें अपनी मंजिल पाने के लिए,       किसी रथ की जरूरत नहीं होती।  ___________________________ दुसरो की छांव में खड़े रहकर हम अपनी परछाई खो देते है.. अपनी परछाई के लिये हमे धूप में खड़ा होना पड़ता है..! ___________________________ एक चिड़िया ने मधुमक्खी से पूछा कि तुम इतनी मेहनत से शहद बनाती हो और इंसान आकर उसे चुरा ले जाता है, तुम्हे बुरा नही लगता ?? मधुमक्खी ने बहुत सुंदर जवाब दिया : इंसान मेरा शहद ही चुरा सकता है पर मेरी शहद बनाने की कला नही ।। कोई भी आपका Creation चुरा सकता है पर आपका Talent (हुनर) नही.. ___________________________ सपने ओर लक्ष्य में एक ही अंतर हे ।। सपने के लिए बि

करोडो लोगों का दिल जीत सकते है...!!!!

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दो हाथ से हम पचास लोगो को नही मार सकते..... . दो हाथ जोड  कर हम करोडो लोगों का दिल जीत सकते है...!!!! _______________________________ *झुको उतना की* *जितना सही हो* *बेवजह झुकना दुसरे के* *अहम् को  केवल बढ़ावा देता है* '_______________________________ "ऊँचा उठने के लिए पंखों की ज़रुरत केवल पक्षियों को ही पड़ती है.. मनुष्य तो जितना  विनम्रता  से झुकता है उतना ही ऊपर उठता है...!!

जिंदगी मे बस इतना कमाओ की ... जम़ीन पर बैठो तो..., लोग उसे आपका बड़प्पन कहें..., औकात नहीं....

जिंदगी मे बस इतना कमाओ की ... जम़ीन पर बैठो तो..., लोग उसे आपका बड़प्पन कहें..., औकात नहीं.... कोई इतना भी अमीर नहीं होता कि वो अपना बीता हुआ कल ख़रीद सके, कोई इतना भी ग़रीब नहीं होता कि वो अपना आने वाला कल न बदल सके! “मैं भी एक सम्पन्न घराने का था, पर जुए और शराब की लत ने मुझे सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया” एक व्यक्ति अपनी करुण कथा दीनबन्धु एंड्रयूज से कह रहा था -”माता-पिता के प्यार और भाई-बहन के स्नेह से वंचित होना पड़ा। तभी से दर-दर की खाक छान रहा हूँ और अब स्थिति ऐसी है कि खाने के भी लाले पड़ रहे हैं। इसी मजबूरी ने चोरी करना भी सिखा दिया और कई वर्षों की जेल की सजा भी काट चुका हूँ। मेहनत-मजदूरी करते बन नहीं पड़ता। स्वास्थ्य भी साथ नहीं देता और फिर ऊपर से कोढ़ में खाज की तरह टी.बी. की शिकायत! जीवन से ऊब चुका हूँ। आत्महत्या करने को जी चाहता है।”  दीनबन्धु बड़ी धैर्य से उसकी कथा सुन रहे थे। सब कुछ सुनने के उपरान्त उनने प्रश्न किया-”क्या तुम्हें पता नहीं बुरी आदतों का परिणाम भी बुरा होता है?” युवक ने सकारात्मक जवाब में सिर हिला दिया। “फिर तुमने यह गलती क्यों की?” दीनबन्धु का सवाल था। कुछ तो मि

भक्ति जब व्यक्ति में प्रवेश करती है, व्यक्ति 'मानव' बन जाता है

भक्ति जब भोजन में प्रवेश करती है, भोजन 'प्रसाद' बन जाता है। भक्ति जब भूख में प्रवेश करती है, भूख 'व्रत' बन जाती है। भक्ति जब पानी में प्रवेश करती है, पानी 'चरणामृत' बन जाता है। भक्ति जब सफर में प्रवेश करती है, सफर 'तीर्थयात्रा' बन जाता है। भक्ति जब संगीत में प्रवेश करती है, संगीत 'कीर्तन' बन जाता है। भक्ति जब घर में प्रवेश करती है, घर 'मन्दिर' बन जाता है। भक्ति जब कार्य में प्रवेश करती है, कार्य 'कर्म' बन जाता है। भक्ति जब क्रिया में प्रवेश करती है, क्रिया 'सेवा' बन जाती है। और... भक्ति जब व्यक्ति में प्रवेश करती है, व्यक्ति 'मानव' बन जाता है

बोर्ड मां लखी शकाय तेवा सुविचार.

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बोर्ड मां लखी शकाय तेवा सुविचार.